परदादा गुरु श्री रामनाथजी अघोरी के चरणों में समर्पित

परदादा गुरुजी श्री रामनाथ जी अघोरी को अलख आदेश 

अरदास हमारी है, आधार तुम्हारा है

स्वीकार करो बाबा, प्रणाम हमारा है

हमनें जो भी सीखा अपने गुरुओं से ही सीखा है।

ज्ञान गुरू का अन्धकार में जैसे सूर्य सरीखा है।

ज्ञान मेरा बेमानी होता गुरु अगर नहीं होते।

बस केवल नादानी होती गुरु अगर नहीं होते।

आगे बढने का पथ हमको गुरु ही दिखलाते हैं।

सही गलत का निर्णय करना गुरु ही सिखलाते हैं।

गुरु क्या होते हैं सबको आज बताने आया हूँ।

मैं सभी गुरुओं का आभार जताने आया हूँ।

अगर वशिष्ठ नहीं होते तो शायद राम नहीं होते।

सन्दीपन शिक्षा ना देते तो घनश्याम नहीं होते।

आदेश आदेश आदेश

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